भागलपुर में दर्दनाक हादसा: बिजली के तार से टकराकर गड्ढे में गिरी DJ वैन, 5 की मौत, 3 गंभीर रूप से घायल
डीजे वैन के गड्डे में गिरते ही कोहराम मच गया। कई लोगों ने कूद कर अपनी जान बचाई है। कुछ की दबने से मौत हो गई। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » रिपोर्टिंग सूत्र / ललित भगत / प्रकाशित: 04 अगस्त 2025, 09:08 IST
बिहार:- के भागलपुर जिले के शाहकुंड क्षेत्र में रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें एक DJ वैन बिजली के तार से टकराकर गड्ढे में जा गिरी। इस दर्दनाक घटना में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया, और मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। यह घटना मध्याह्न भोजन जैसे लापरवाही भरे मामलों के बाद एक और त्रासदी के रूप में सामने आई है, जिसने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे का विवरण: बिजली के तार से टकराई DJ वैन
घटना शाहकुंड थाना क्षेत्र के सुल्तानगंज मुख्य सड़क पर महंत स्थान के पास हुई। जानकारी के अनुसार, DJ वैन सुल्तानगंज से ज्येष्ठगौरनाथ मंदिर की ओर जा रही थी। वैन में कुल 9 लोग सवार थे, जो कांवर यात्रा के लिए जलाभिषेक हेतु गंगा जल लेने जा रहे थे। रास्ते में वैन का ऊपरी हिस्सा अचानक हाई-टेंशन बिजली के तार से टकरा गया। बिजली का करंट लगने से चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया, और वैन सड़क किनारे गहरे गड्ढे में जा गिरी।
गड्ढे में वैन पलटते ही चीख-पुकार मच गई। कुछ लोग समय रहते कूदकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे, लेकिन 5 लोग वैन के नीचे दब गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत शाहकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
घायलों का इलाज और मृतकों की पहचान
शाहकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में घायलों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, तीन घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। मृतकों के शवों को वैन से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने मृतकों की पहचान शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
पुलिस और प्रशासन का त्वरित एक्शन
हादसे की सूचना मिलते ही शाहकुंड थाना पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया। पुलिस ने बताया कि हादसे की प्रारंभिक जांच में बिजली के तार से संपर्क और चालक के नियंत्रण खोने को मुख्य कारण माना जा रहा है। शाहकुंड के थाना प्रभारी रविंद्र कुमार ने कहा, "हम घटना की गहन जांच कर रहे हैं। यह पता लगाया जाएगा कि बिजली के तार इतने नीचे क्यों थे और क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था।"
जिला मजिस्ट्रेट ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। साथ ही, घायलों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
यह कोई पहला मामला नहीं है जब बिहार में बिजली के तार से टकराने के कारण हादसा हुआ हो। पिछले साल 5 अगस्त 2024 को वैशाली जिले के सुल्तानपुर गांव में एक समान हादसे में 9 कांवरियों की मौत हो गई थी, जब उनकी DJ वैन हाई-टेंशन तार से टकराई थी। उस घटना ने भी बिजली विभाग की लापरवाही और ढीले-लटकते तारों की समस्या को उजागर किया था। इसके बावजूद, इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं, जिससे बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और मृतकों के परिजनों में गुस्सा देखा जा रहा है। परिजनों का कहना है कि अगर बिजली के तारों की उचित देखभाल और रखरखाव किया जाता, तो यह त्रासदी टल सकती थी। एक मृतक के रिश्तेदार रमेश यादव ने कहा, "हर साल कांवर यात्रा के दौरान हजारों लोग इस रास्ते से गुजरते हैं। बिजली विभाग को पहले से सतर्क रहना चाहिए था।" ग्रामीणों ने बिजली विभाग के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
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बिजली विभाग पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। बिहार में ढीले और नीचे लटकते बिजली के तार कई हादसों का कारण बन चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली विभाग को हाई-टेंशन तारों की नियमित जांच और रखरखाव करना चाहिए, खासकर उन इलाकों में जहां धार्मिक यात्राएं या भीड़भाड़ वाले आयोजन होते हैं। बिहार में हर साल करीब 12,500 लोग बिजली के हादसों में अपनी जान गंवाते हैं, जो देश में बिजली से होने वाली मौतों का एक बड़ा हिस्सा है।
सरकार से मुआवजे की मांग
हादसे के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। RJD नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, "यह हादसा बिजली विभाग और प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा है। सरकार को मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देना चाहिए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।" वहीं, स्थानीय BJP विधायक ने भी मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
अंतिम विचार
भागलपुर का यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि यह बिहार में बिजली विभाग की लचर व्यवस्था और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का जीता-जागता सबूत है। कांवर यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन बार-बार होने वाले ऐसे हादसे सवाल खड़े करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर बिजली के तारों की सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर बहस छेड़ दी है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस त्रासदी से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
आपकी राय: बिजली विभाग की लापरवाही को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? क्या सरकार को मृतकों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए? अपनी राय कमेंट में साझा करें।
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