दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से: स्कूल फीस नियंत्रण बिल और दो CAG रिपोर्ट होंगी पेश, राजनीतिक हंगामे के आसार
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » रिपोर्टिंग सूत्र / अमित मेहलावत प्रकाशित: 04 अगस्त 2025, 07:30 IST
नई दिल्ली:- दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र आज, 4 अगस्त 2025 से शुरू हो रहा है, जो 8 अगस्त तक चलेगा। जरूरत पड़ने पर इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। पहले ही दिन दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस तय करने और उसे नियंत्रित करने में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 और दो महत्वपूर्ण CAG रिपोर्ट पेश की जाएंगी। यह सत्र पूरी तरह पेपरलेस होगा, जो राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) के तहत संचालित होगा। स्कूल फीस नियंत्रण बिल और अन्य मुद्दों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है। आइए, इस सत्र के प्रमुख बिंदुओं पर नजर डालते हैं।
सत्र का ऐतिहासिक डिजिटल कदम
दिल्ली विधानसभा इस बार पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस मोड में काम करेगी। विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि सभी प्रक्रियात्मक कार्य अब NeVA पोर्टल (https://cms.neva.gov.in/) के जरिए होंगे। विधायकों को 21-23 जुलाई तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 18 कंप्यूटर सिस्टम की मदद से डिजिटल प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे दिल्ली के डिजिटल और सतत शासन की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, "दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर है, और दिल्ली सचिवालय को भी पेपरलेस बनाने की प्रक्रिया चल रही है।"
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स्कूल फीस नियंत्रण बिल: क्या है खास?
शिक्षा मंत्री आशीष सूद आज 'दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस तय करने और उसे नियंत्रित करने में पारदर्शिता) विधेयक, 2025' पेश करेंगे। यह बिल निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए लाया जा रहा है। 29 अप्रैल 2025 को कैबिनेट द्वारा मंजूर इस बिल के तहत स्कूलों पर सख्त दंड का प्रावधान है:
पहली बार उल्लंघन: 1 लाख से 5 लाख रुपये तक जुर्माना।
दूसरी बार उल्लंघन: 2 लाख से 10 लाख रुपये तक जुर्माना।
नॉन-कम्प्लायंस: 20 दिनों बाद जुर्माना दोगुना, 40 दिनों बाद तिगुना, और आगे बढ़ता रहेगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "यह बिल अभिभावकों के हित में है और स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएगा।" बिल में स्कूलों की फीस तय करने के लिए एक समिति गठन करने और फीस वृद्धि को 2025-26 सत्र से नियंत्रित करने का प्रावधान है। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) द्वारका मामले में स्कूल की कार्रवाई को "अमानवीय" करार दिया था, जब फीस न चुका पाने पर छात्रों को निष्कासित किया गया था। इस घटना ने बिल की जरूरत को और बल दिया।
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AAP का विरोध: बिल पर क्यों है विवाद?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस बिल का कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। विपक्ष की नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि सरकार इस बिल के जरिए निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया, "अगर यह बिल वाकई जनहित में है, तो इसे अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?" AAP का दावा है कि पिछले छह महीनों में बीजेपी सरकार ने बिजली कटौती, झुग्गी तोड़ने, और मध्यम वर्ग को परेशान करने जैसे कदम उठाए हैं। आतिशी ने कहा, "AAP विधानसभा में दिल्ली के गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की आवाज बनेगी।"
वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने AAP पर बिना बिल पढ़े टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "AAP को सत्र में बिल पेश होने का इंतजार करना चाहिए था।"
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दो CAG रिपोर्ट: वित्त और श्रमिक कल्याण पर नजर
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज दो CAG (कम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट सदन में पेश करेंगी। ये रिपोर्ट हैं:
वित्त वर्ष 2023-24 की स्टेट फाइनेंस रिपोर्ट: इसमें दिल्ली की वित्तीय स्थिति, सरकारी खर्चों, और वित्तीय प्रबंधन की समीक्षा की गई है।
निर्माण श्रमिकों का कल्याण (31 मार्च 2023 तक): यह रिपोर्ट निर्माण और अन्य श्रमिकों के लिए लागू कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता और कार्यान्वयन की जांच करती है।
इन रिपोर्टों में पिछली AAP सरकार के कथित कुप्रबंधन पर सवाल उठाए गए हैं, जिसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है। बीजेपी इन रिपोर्टों के जरिए AAP पर हमला बोल सकती है, जबकि AAP ने झुग्गी तोड़ने जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है।
सत्र में और क्या होगा?
चार दिनों तक चलने वाले इस सत्र में सरकार अपनी पिछले चार महीनों की उपलब्धियों को गिनाएगी। वहीं, विपक्ष झुग्गी तोड़ने, बिजली कटौती, और मध्यम वर्ग की समस्याओं जैसे मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा। सत्र की शुरुआत दोपहर 2 बजे से होगी, और विधायकों को विशेष उल्लेख (Rule 280) के लिए नोटिस NeVA पोर्टल पर पिछले कार्यदिवस की शाम 5 बजे तक जमा करने होंगे।
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दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहा है। डिजिटल और पेपरलेस प्रक्रिया से लेकर स्कूल फीस नियंत्रण बिल और CAG रिपोर्ट जैसे अहम मुद्दों तक, यह सत्र दिल्ली की जनता के लिए कई बड़े बदलाव ला सकता है। हालांकि, AAP और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक से सत्र में हंगामे की पूरी संभावना है। क्या यह बिल अभिभावकों को राहत देगा, या यह महज राजनीतिक शोर बनकर रह जाएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
आपकी राय: स्कूल फीस नियंत्रण बिल और CAG रिपोर्ट पर आप क्या सोचते हैं? क्या यह सत्र दिल्ली की जनता के लिए फायदेमंद साबित होगा? अपनी राय कमेंट में साझा करें।
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