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    बिहार में 20% मतदाताओं को वोट से वंचित करने की साजिश, कांग्रेस ने चुनाव आयोग और BJP पर लगाए गंभीर आरोप

    बिहार में 20% मतदाताओं को वोट से वंचित करने की साजिश, कांग्रेस ने चुनाव आयोग और BJP पर लगाए गंभीर आरोप


    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » रिपोर्टिंग सूत्र / कलीम  /प्रकाशित: 04 अगस्त 2025, 23:30 IST


    पटना:-  बिहार के बिहटा में आयोजित एक कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी ने केंद्र और बिहार की डबल इंजन सरकार पर नफरत फैलाने और लोकतंत्र को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया। पूर्व मंत्री और AICC पर्यवेक्षक अमरजीत भगत ने कहा कि चुनाव आयोग (ECI) बीजेपी के इशारे पर बिहार के 20% मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित करने की साजिश रच रहा है। यह आरोप बिहार में चल रही विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ उठाया गया, जिसे कांग्रेस ने संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने कार्यकर्ताओं से संगठन को मजबूत करने और राहुल गांधी के नेतृत्व में जनसंवाद के जरिए जनता तक पहुंचने का आह्वान किया।

    अमरजीत भगत का हमला: 'नफरत फैलाने वाली सरकार'

    4 अगस्त 2025 को बिहटा के डॉ. अशोक गगन कॉलेज कैंपस, नयका रोड, अमहरा में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता समागम में AICC पर्यवेक्षक अमरजीत भगत ने डबल इंजन सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "भारत 'मोहब्बत' का देश है, लेकिन बीजेपी सत्ता की खातिर नफरत फैला रही है। खाद संकट, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों पर सरकार पूरी तरह नाकाम रही है।" भगत ने विशेष रूप से चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि SIR के जरिए बिहार के गरीब, दलित, वंचित और प्रवासी मजदूरों को मतदाता सूची से हटाने की साजिश की जा रही है।

    उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है। यह प्रक्रिया संविधान की आत्मा पर हमला है। हम मांग करते हैं कि ECI इस फैसले पर पुनर्विचार करे। इसके खिलाफ कांग्रेस कानूनी और अन्य सभी रास्तों पर संघर्ष करेगी।"


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    SIR प्रक्रिया पर विवाद: 20% मतदाताओं पर खतरा

    कांग्रेस ने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया में 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, जिनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे आम दस्तावेज शामिल नहीं हैं। बिहार जैसे राज्य में, जहां लाखों लोग गरीबी और प्रवास के कारण इन दस्तावेजों से वंचित हैं, यह प्रक्रिया करीब 20% मतदाताओं (लगभग 1.5 करोड़) को मताधिकार से वंचित कर सकती है।

    AICC महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने X पर लिखा, "SIR के जरिए 35 लाख मतदाताओं को हटाने की कोशिश हो रही है। यह बीजेपी-नियंत्रित ECI की साजिश है। बूथ स्तर के अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है, और पत्रकारों को सच दिखाने के लिए FIR का सामना करना पड़ रहा है।"

    कांग्रेस नेताओं का कार्यकर्ताओं को संदेश

    कार्यक्रम में AICC राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. अशोक गगन ने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा, "कांग्रेस का हर सिपाही संगठन को मजबूत करे। केंद्र और बिहार सरकार संविधान पर हमला कर रही है, जिसे रोकना हमारी जिम्मेदारी है।" उन्होंने राहुल गांधी के जनसंवाद अभियान को गांव-गांव तक ले जाने का आह्वान किया।

    जिलाध्यक्ष सुमित कुमार सन्नी ने कहा, "दलितों, गरीबों, किसानों और मजदूरों की आवाज बनकर हमें नए सिरे से संघर्ष करना है।" AICC कोऑर्डिनेटर विक्रम प्रताप सिंह ने जोड़ा, "कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो सभी वर्गों के विकास की बात करती है। बीजेपी समाज को धर्म और जाति के नाम पर बांट रही है, हमें विकास की राजनीति पर ध्यान देना होगा।"

    युवा कांग्रेस प्रभारी शेख मिनहाज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "मोदी सरकार केवल अडानी-अंबानी जैसे चंद अमीरों के विकास की गारंटी देती है। गरीबों, किसानों और मजदूरों की अनदेखी हो रही है। बूथ से लेकर प्रखंड स्तर तक संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।"


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    कार्यक्रम में कौन-कौन शामिल हुए?

    कार्यक्रम का संचालन महिला जिलाध्यक्ष डॉ. अजिता पाण्डेय ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दिव्य ज्योति ने दिया। इस मौके पर OBC जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष शाहिद आलम, कार्यकारी अध्यक्ष उदय चंद्रवंसी, प्रखंड अध्यक्ष विकास मिश्रा, अजित सिंह, उपेंद्र कुमार सहित बिक्रम विधानसभा के सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और मतदाता मौजूद थे।

    बिहार में SIR का विवाद: क्या कहते हैं आंकड़े?

    ECI ने 24 जून 2025 को बिहार में SIR शुरू किया था, जिसके तहत 7.89 करोड़ मतदाताओं की जांच की जा रही है। 28 जुलाई तक 64 लाख मतदाताओं के नाम हटाने की संभावना जताई गई, जिसमें 22 लाख मृतक, 7 लाख डुप्लिकेट और 35 लाख प्रवासी या अनट्रेसेबल मतदाता शामिल हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि यह प्रक्रिया विशेष रूप से दलितों, गरीबों और अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है।

    सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को ECI को आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को स्वीकार करने का सुझाव दिया था, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि ECI ने इस सुझाव को नजरअंदाज किया। RJD नेता तेजस्वी यादव ने इसे "लोकतंत्र पर हमला" करार देते हुए चुनाव बहिष्कार की धमकी दी है।


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    अंतिम विचार: लोकतंत्र की रक्षा की चुनौती

    कांग्रेस का यह सम्मेलन बिहार में बढ़ते राजनीतिक तनाव और SIR विवाद के बीच एक महत्वपूर्ण कदम है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह गरीबों, दलितों और प्रवासियों के मताधिकार की रक्षा के लिए कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी। राहुल गांधी के नेतृत्व में जनसंवाद और मोहब्बत के पैगाम को जनता तक पहुंचाने की कोशिश तेज हो रही है। बिहार के 2025 विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा और गर्माने की संभावना है। क्या ECI अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा, या विपक्ष का यह आंदोलन और तेज होगा? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

    आपकी राय: क्या SIR प्रक्रिया बिहार के मतदाताओं के लिए खतरा है? कांग्रेस का यह संघर्ष कितना प्रभावी होगा? अपनी राय कमेंट में साझा करें। 

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