पटना जिले के मनेर में हथियार के बल पर दो भाइयों से लूटपाट, दो अपराधी गिरफ्तार
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » रिपोर्टिंग सूत्र / कलीम /प्रकाशित: 03 अगस्त 2025, 15:30 IST
पटना :- जिले के मनेर थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज लूट की घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है। चार नकाबपोश अपराधियों ने हथियार के बल पर भागलपुर से आए दो चचेरे भाइयों से 10 हजार रुपये नकद, दो मोबाइल फोन और एक चांदी की सिकरी लूट ली। यह घटना मनेर के गोरैया स्थान, जीवराखन टोला-टाटा कॉलोनी के पास हुई। मनेर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज और हुलिए के आधार पर दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी दो की तलाश में छापेमारी जारी है। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
भागलपुर जिले के फतेहपुर निवासी चंदन कुमार (स्व. कैलाश चौधरी का पुत्र) और नंदन कुमार (शगुन चौधरी का पुत्र), जो रिश्ते में चचेरे भाई हैं, मनेर के गोरैया स्थान में अपनी बहन के घर आए थे। दोनों भाई अपने बहनोई मनोज कुमार के साथ गुजरात के सूरत में मजदूरी करने की योजना बना रहे थे। घटना वाले दिन, 4 अगस्त 2025 को सुबह-सुबह, दोनों भाई बहन के घर के पास खेतों में शौच के लिए गए थे। इसी दौरान चार नकाबपोश अपराधियों ने पिस्तौल दिखाकर उन्हें डराया और लूटपाट की।
अपराधियों ने चंदन और नंदन से 5-5 हजार रुपये नकद (कुल 10 हजार रुपये), दो मोबाइल फोन और चंदन की चांदी की सिकरी छीन ली। लूट के बाद दोनों भाई डरते-कांपते अपने बहनोई के पास पहुंचे और घटना की जानकारी दी। मनोज कुमार ने तुरंत मनेर थाना पुलिस को सूचित किया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
मनेर थाना पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और अपराधियों के हुलिए के आधार पर दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया। मनेर थाना प्रभारी राजेश कुमार ने बताया, "सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच के आधार पर दो अपराधियों को हिरासत में लिया गया है। उनकी निशानदेही पर बाकी दो सहयोगियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। लूटी गई कुछ वस्तुएं बरामद करने के प्रयास जारी हैं।"
पुलिस ने यह भी बताया कि गिरफ्तार अपराधी स्थानीय आपराधिक गिरोह से जुड़े हो सकते हैं, और उनके खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं। जांच में यह भी पता चला कि अपराधियों ने चेहरा छिपाने के लिए नकाब का इस्तेमाल किया था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में उनकी गतिविधियां स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड हो गई थीं।
पीड़ितों का दर्द और स्थानीय लोगों में आक्रोश
चंदन और नंदन इस घटना से गहरे सदमे में हैं। चंदन ने बताया, "हम अपनी बहन से मिलने आए थे और सूरत जाने की तैयारी कर रहे थे। अचानक चार लोग आए और पिस्तौल दिखाकर हमसे सब कुछ छीन लिया। हम डर गए थे, लेकिन भगवान का शुक्र है कि हमें शारीरिक चोट नहीं आई।" नंदन ने कहा, "हमारी मेहनत की कमाई और कीमती सामान लूट लिया गया। पुलिस से उम्मीद है कि बाकी अपराधी भी जल्द पकड़े जाएंगे।"
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा है। गोरैया स्थान के निवासी रमेश यादव ने कहा, "यह इलाका पहले शांत था, लेकिन अब अपराधी बेखौफ हो गए हैं। दिनदहाड़े ऐसी वारदातें हो रही हैं, और प्रशासन को और सख्ती करनी चाहिए।" ग्रामीणों ने मांग की है कि इलाके में गश्त बढ़ाई जाए और सीसीटीवी कैमरों की संख्या में इजाफा किया जाए।
बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाएं
यह घटना बिहार में हाल के महीनों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं की एक और कड़ी है। मई 2025 में फतुहा में हुए सशस्त्र डकैती के मामले में सात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था, जहां 5 लाख रुपये नकद और सोने-चांदी के आभूषण लूटे गए थे। इसी तरह, नवंबर 2024 में पटना के कंकड़बाग में तनिष्क शोरूम से 3.5 लाख रुपये की ज्वैलरी और 50 हजार रुपये नकद लूटे गए थे। ये घटनाएं बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती हैं।
मनेर की इस घटना ने स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है। विपक्षी दलों, खासकर RJD और Congress, ने इस मुद्दे को उठाते हुए नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। RJD नेता तेजस्वी यादव ने X पर पोस्ट किया, "बिहार में अपराधी बेखौफ हो रहे हैं। सरकार को तत्काल कड़े कदम उठाने चाहिए।"
पुलिस की आगे की रणनीति
मनेर पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अप和小सकों के खिलाफ धारा 392 और 395 (लूट और डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ाने और बचे हुए अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। मनेर के SP शुभांक मिश्रा ने कहा, "हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। जल्द ही बाकी अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।"
अंतिम विचार
मनेर में हुई इस लूट की घटना ने एक बार फिर बिहार में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चंदन और नंदन जैसे आम नागरिकों को दिनदहाड़े लूट का शिकार होना पड़ रहा है, जो चिंता का विषय है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने दो अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए, जैसे कि अधिक सीसीटीवी कैमरे, रात में गश्त, और आपराधिक गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई। यह विधेयक शिक्षा के व्यावसायीकरण को रोकने में मदद करेगा।
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