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    सीतामढ़ी: कानू समाज के पूर्व अध्यक्ष बैजनाथ साह के निधन पर शोक सभा, समाज ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

    सीतामढ़ी: कानू समाज के पूर्व अध्यक्ष बैजनाथ साह के निधन पर शोक सभा, समाज ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

    📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » रिपोर्टिंग सूत्र /पवन साह /प्रकाशित: 04 अगस्त 2025, 15:30 IST

    लेखक वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार 


    सीतामढ़ी, बिहार:- कानू समाज के दिग्गज नेता और पूर्व अध्यक्ष बैजनाथ साह का 4 अगस्त 2025 को बसवरिया, सीतामढ़ी में निधन हो गया। उनके स्वर्गवास की खबर से पूरे कानू समाज में शोक की लहर दौड़ गई। समाज के लोगों ने उन्हें एक मार्गदर्शक, समाजसेवी और सौम्य स्वभाव का व्यक्तित्व बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। सीतामढ़ी में आयोजित शोक सभा में कानू समाज के वर्तमान अध्यक्ष रामेश्वर साह, मंदिर समिति महामंत्री विश्वनाथ साह, डॉ. अमर नाथ गुप्ता और अन्य प्रमुख सदस्यों ने बैजनाथ साह के योगदान को याद किया और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया।


    शोक सभा में कानू समाज का दुख

    4 अगस्त 2025 को सुबह बसवरिया निवासी बैजनाथ साह के निधन के बाद सीतामढ़ी में कानू समाज ने एक शोक सभा का आयोजन किया। सभा में समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। वर्तमान अध्यक्ष रामेश्वर साह ने गहरे दुख के साथ कहा, "बैजनाथ साह जी ने कानू समाज को एकजुट करने और इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके अधूरे सपनों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है।"


    डॉ. अमर नाथ गुप्ता ने कहा, "बैजनाथ साह जी समाज के लिए एक पथ-प्रदर्शक थे। उनके निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।" बसवरिया निवासी शंकर साह ने भावुक होते हुए बताया, "उनका स्वभाव इतना सरल और सहयोगी था कि वह हर सुख-दुख में समाज के साथी रहे।" वहीं, वृजनंद साह ने कहा, "बैजनाथ जी ने कई समाजसेवियों को प्रेरित किया और समाज के लिए एक मिसाल कायम की।"


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    बैजनाथ साह का योगदान: कानू समाज का गौरव

    बैजनाथ साह कानू समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत थे। उन्होंने गणीनाथ पूजा और मंदिर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंदिर समिति के महामंत्री विश्वनाथ साह ने कहा, "उन्होंने अपने अध्यक्ष काल में हमेशा सभी को साथ लेकर काम किया। मंदिर और पूजा समिति को मजबूत करने में उनका योगदान अविस्मरणीय है।" बैजनाथ साह ने समाज में एकता और सामाजिक उत्थान के लिए कई पहल कीं, जिनमें शिक्षा, संस्कृति और सामुदायिक विकास शामिल थे।

    उनके नेतृत्व में कानू समाज ने न केवल सामाजिक एकता को बढ़ावा दिया, बल्कि कई युवाओं को समाजसेवा के लिए प्रेरित भी किया। उनकी सादगी और समर्पण ने उन्हें समाज में एक आदरणीय व्यक्तित्व बनाया।


    शोक सभा में शामिल प्रमुख लोग

    शोक सभा में कानू समाज के कई प्रमुख सदस्य शामिल हुए, जिनमें संजीव कुमार, विजय साह, धनंजय साह, पवन साह, अशोक साह, सुरेंद्र साह, डॉ. रामजीनीस साह, पवन कुमार, लाल बाबू साह, रामजीनीस सीमरा और भुनेश्वर साह शामिल थे। सभी ने बैजनाथ साह के निधन को समाज के लिए एक बड़ी क्षति बताया और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।


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    कानू समाज का संकल्प: बैजनाथ साह के सपनों को करेंगे पूरा


    शोक सभा में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि बैजनाथ साह के निधन से समाज को जो क्षति हुई है, उसे उनके अधूरे कार्यों को पूरा करके ही कम किया जा सकता है। रामेश्वर साह ने कहा, "हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलना होगा। शिक्षा, एकता और सामाजिक विकास के लिए हमें और मेहनत करनी होगी।" विश्वनाथ साह ने जोड़ा, "गणीनाथ पूजा और मंदिर समिति को और मजबूत करके हम उनकी स्मृति को जीवित रखेंगे।"


    समाज में शोक की लहर


    बैजनाथ साह के निधन की खबर फैलते ही सीतामढ़ी और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई। पूर्नेव सैनिक अनिल कुमार ने उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा "बैजनाथ साह जी कानू समाज के लिए एक पितृ पुरुष थे। उनकी कमी हमेशा खलेगी।" कई लोगों ने उनके सौम्य स्वभाव और समाजसेवा के प्रति समर्पण की तारीफ की।


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    अंतिम विचार : एक युग का अंत

    बैजनाथ साह का निधन कानू समाज के लिए एक युग का अंत है। उनके नेतृत्व और समाजसेवा ने न केवल सीतामढ़ी, बल्कि पूरे बिहार के कानू समाज को एक नई दिशा दी। उनकी सादगी, समर्पण और समाज के प्रति प्रेम हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। शोक सभा में व्यक्त संकल्प से साफ है कि समाज उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए एकजुट है। यह समय है कि कानू समाज उनके दिखाए रास्ते पर चलकर उनके योगदान को अमर रखे।


    आपकी राय: बैजनाथ साह के योगदान को आप कैसे देखते हैं? उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए समाज को क्या करना चाहिए? अपनी राय कमेंट में साझा करें। 


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