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खबर का सार :निक्की हेली की टिप्पणी ट्रंप की भारत विरोधी टैरिफ नीति पर एक करारा प्रहार है। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। ट्रंप का भारत पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया प्रतीत होता है, खासकर तब जब चीन जैसे देश को छूट दी जा रही है। मेरी राय में, अमेरिका को भारत जैसे सहयोगी के साथ रिश्तों को प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि व्यापारिक तनाव पैदा करना चाहिए। भारत का रूस से तेल खरीदना वैश्विक बाजार की मजबूरी है, और इसे राजनीतिक रंग देना अनुचित है। हेली की यह चेतावनी अमेरिकी नीति निर्माताओं के लिए एक सबक हो सकती है कि सहयोगी देशों के साथ रिश्ते बनाए रखना दीर्घकालिक हित में है।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 11 अगस्त 2025 09 :15 IST
नई दिल्ली/वॉशिंगटन: रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अपने ही देश में इस मुद्दे पर घिरते नजर आ रहे हैं। अमेरिका की वरिष्ठ रिपब्लिकन नेता और पूर्व राष्ट्रपति पद की दावेदार निक्की हेली ने ट्रंप के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। हेली ने कहा है कि भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ रिश्ते खराब करने की बजाय अमेरिका को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए, खासकर तब जब चीन जैसे देश को रूस से तेल खरीदने के लिए 90 दिन की टैरिफ छूट दी गई है।
निक्की हेली का ट्रंप को जवाब
निक्की हेली, जो ट्रंप प्रशासन में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रह चुकी हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात रखते हुए कहा, “भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन, जो रूस और ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है और हमारा विरोधी है, उसे 90 दिन की टैरिफ छूट दी गई। चीन को छूट देकर भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ रिश्ते खराब न करें।” हेली की यह टिप्पणी ट्रंप के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25% टैरिफ को और “काफी हद तक” बढ़ाने की धमकी दी थी।
ट्रंप का भारत पर आरोप
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि भारत न केवल रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीद रहा है, बल्कि इसे खुले बाजार में बेचकर मुनाफा भी कमा रहा है। उन्होंने कहा, “भारत को यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन से मारे जा रहे लोगों की परवाह नहीं है। इस वजह से मैं भारत पर टैरिफ को काफी हद तक बढ़ाऊंगा।” ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत के मौजूदा टैरिफ अमेरिका के लिए बहुत अधिक हैं, और उन्होंने भारत के साथ व्यापार असंतुलन पर भी सवाल उठाए।
भारत का करारा जवाब
भारत ने ट्रंप के इन आरोपों को “अनुचित और अतार्किक” बताते हुए खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदना तब शुरू किया जब यूक्रेन संकट के बाद पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं ने अपनी आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका ने उस समय वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता के लिए भारत के इस कदम का समर्थन किया था। भारत ने यह भी उजागर किया कि यूरोपीय संघ और अमेरिका स्वयं रूस के साथ व्यापार जारी रखे हुए हैं, जिसमें यूरोप का 2024 में रूस के साथ 67.5 बिलियन यूरो का व्यापार और अमेरिका का रूसी यूरेनियम और पैलेडियम आयात शामिल है।
हेली का भारत समर्थन
निक्की हेली ने हमेशा भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की वकालत की है। उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ साझेदारी को जरूरी बताया है। हेली की टिप्पणी से साफ है कि वह भारत को एक रणनीतिक साझेदार मानती हैं और ट्रंप की नीतियों को इस रिश्ते के लिए नुकसानदेह मान रही हैं।
आर्थिक प्रभाव
ट्रंप की टैरिफ धमकी का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। भारतीय रेटिंग एजेंसी ICRA ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर को 6.2% से घटाकर 6.0% कर दिया है, जिसमें अमेरिकी व्यापार तनाव को एक बड़ा कारण बताया गया है। टेक्सटाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, रसायन, और रत्न-आभूषण जैसे क्षेत्रों पर इसका असर पड़ सकता है, जो अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर हैं। हालांकि, फार्मास्युटिकल्स और पेट्रोलियम जैसे क्षेत्रों पर इसका असर कम होने की उम्मीद है।
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