'बुलाने पर आते नहीं': राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग का तीखा जवाब, पत्र किया सार्वजनिक
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» रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी
नई दिल्ली, 03 अगस्त 2025: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कथित 'वोट चोरी' और 'चुनावी धांधली' के आरोपों ने राजनीतिक विवाद को और गहरा दिया है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने इन आरोपों को 'बेबुनियाद' और 'गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए राहुल गांधी को कड़ा जवाब दिया है। आयोग ने 12 जून 2025 को राहुल को भेजे गए एक पत्र को सार्वजनिक किया, जिसमें उन्हें अपनी शिकायतों पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।
राहुल गांधी के आरोप: 'महाराष्ट्र में लोकतंत्र की चोरी'
राहुल गांधी ने 7 जून 2025 को एक अखबार में प्रकाशित अपने लेख और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। उन्होंने इसे 'लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट' करार देते हुए पांच चरणों की कथित योजना का जिक्र किया, जिसमें शामिल थे:
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में गड़बड़ी: राहुल ने दावा किया कि 2023 में संशोधित कानून के तहत चयन समिति को केंद्र सरकार के पक्ष में बनाया गया।
वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़ना: उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 से 2024 के बीच महाराष्ट्र में 32 लाख मतदाता जोड़े गए, जबकि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच पांच महीनों में 39 लाख नए मतदाता जोड़े गए, जो संदेहास्पद है।
वोटर टर्नआउट में हेरफेर: राहुल ने दावा किया कि मतदान के अंतिम घंटों में 65 लाख वोट जोड़े गए, जो 'गणितीय रूप से असंभव' है।
बोगस वोटिंग: उन्होंने कहा कि बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए चुनिंदा सीटों पर बोगस वोटिंग कराई गई।
सबूत छिपाना: राहुल ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस ने सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो उसे न केवल खारिज कर दिया गया, बल्कि नियमों को बदलकर भविष्य में ऐसी मांगों को रोक दिया गया।
राहुल ने 1 अगस्त 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके पास वोट चोरी के 'पुख्ता सबूत' हैं, जिन्हें उन्होंने 'एटम बम' की संज्ञा दी। उन्होंने कहा, "जैसे ही हम इसे रिलीज करेंगे, पूरे देश को पता चल जाएगा कि चुनाव आयोग बीजेपी के लिए वोट चोरी करा रहा है।"
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चुनाव आयोग का जवाब: 'आरोप बेबुनियाद, राहुल ने जवाब नहीं दिया'
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे 'बेबुनियाद' और 'गैर-जिम्मेदाराना' हैं। आयोग ने अपने जवाब में निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया:
- 12 जून 2025 को भेजा गया पत्र: आयोग ने राहुल गांधी को उनके 7 जून 2025 के लेख के जवाब में पत्र लिखा और मुलाकात के लिए आमंत्रित किया, लेकिन राहुल ने कोई जवाब नहीं दिया। यह पत्र अब सार्वजनिक कर दिया गया है।
- पहले भी दिया गया जवाब: आयोग ने बताया कि कांग्रेस द्वारा नवंबर 2024 में उठाए गए सवालों का विस्तृत जवाब 24 दिसंबर 2024 को दिया गया था, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
- पारदर्शी प्रक्रिया: महाराष्ट्र चुनाव में 1 लाख 186 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), 288 रिटर्निंग ऑफिसर, 139 जनरल ऑब्जर्वर, और 1 लाख 26 हजार राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट्स शामिल थे। आयोग ने दावा किया कि पूरी प्रक्रिया निर्वाचन नियम 1950 और निर्वाचन नियम 1960 के तहत पारदर्शी थी।
- कोई औपचारिक शिकायत नहीं: आयोग ने कहा कि राहुल या कांग्रेस ने कोई औपचारिक याचिका या पत्र दाखिल नहीं किया। कर्नाटक 2024 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने 'वोट फ्रॉड' के दावों के समर्थन में कोई वैध याचिका दायर नहीं की।
- सीसीटीवी फुटेज पर स्थिति: आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की जांच केवल हाईकोर्ट कर सकता है, क्योंकि यह मतदाताओं की गोपनीयता से संबंधित है।
आयोग ने राहुल के बयानों को 'निंदनीय' करार देते हुए कहा कि ये 10.5 लाख बूथ लेवल ऑफिसर, 50 लाख मतदान अधिकारी, और 1 लाख मतगणना पर्यवेक्षकों की ईमानदारी पर सवाल उठाते हैं। आयोग ने अपने कर्मचारियों से ऐसे बयानों को नजरअंदाज करने और निष्पक्षता से काम करने को कहा।
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मतदाता सूची पर विवाद: आंकड़ों का सच
राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में 2019 से 2024 के बीच 32 लाख मतदाता जोड़े गए, जबकि 2024 लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच 39 लाख मतदाता जोड़े गए। उन्होंने इसे असामान्य और संदिग्ध बताया। हालांकि, इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में 2009 से 2024 के मतदाता आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जो दर्शाता है कि यह वृद्धि असामान्य नहीं है:
- 2009: लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच 30 लाख मतदाता जोड़े गए।
- 2014: लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच 27 लाख मतदाता जोड़े गए।
- 2019-2024: कुल 71 लाख मतदाता जोड़े गए, जिसमें 32 लाख (2019-2024 लोकसभा) और 39 लाख (2024 लोकसभा-विधानसभा) शामिल हैं।
- 2009-2014: 75 लाख मतदाता जोड़े गए।
- 2014-2019: 63 लाख मतदाता जोड़े गए।
आयोग ने बताया कि 2024 में 48.8 लाख मतदाता जोड़े गए, जिसमें 26.4 लाख 18-29 आयु वर्ग के नए मतदाता थे। यह वृद्धि सामान्य जनसंख्या वृद्धि और मतदाता पंजीकरण अभियानों के अनुरूप है।
बीजेपी का पलटवार: 'राहुल की हताशा'
बीजेपी ने राहुल के आरोपों को 'फर्जी नैरेटिव' और 'हताशा' का परिणाम बताया। जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल 'चुनाव हारने के बाद षड्यंत्र रचते हैं और संस्थाओं को बदनाम करते हैं।' महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राहुल के लेख का कोई महत्व नहीं है और यह केवल 'सुर्खियां बटोरने' की कोशिश है। अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि राहुल जानबूझकर मतदाताओं में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
संबित पात्रा ने तंज कसते हुए कहा, "राहुल गांधी 'बम फटने' की बात करते हैं, लेकिन उन्हें 'पानी की तरह बहना' चाहिए।"
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विपक्ष का समर्थन: 'लोकतंत्र पर हमला'
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि बीजेपी नेताओं का राहुल के सवालों का जवाब देना और आयोग का चुप रहना 'मैच फिक्सिंग' की पुष्टि करता है। उन्होंने हरियाणा में सीसीटीवी फुटेज को रोकने के लिए नियम बदलने पर भी सवाल उठाए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राहुल के आरोपों का समर्थन करते हुए एक निलंबित पुलिसकर्मी के वीडियो का हवाला दिया, जिसमें बीजेपी पर रिश्वतखोरी का आरोप था।
निष्कर्ष: सवाल बरकरार, जवाब अधूरे
राहुल गांधी के आरोपों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपनी प्रक्रिया को पारदर्शी बताया है, लेकिन राहुल द्वारा कोई औपचारिक शिकायत न दर्ज करना और आयोग के पत्र का जवाब न देना विवाद को और जटिल बनाता है। आंकड़े बताते हैं कि मतदाता वृद्धि असामान्य नहीं थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मतदाता सूची की पारदर्शिता पर सवाल बरकरार हैं। यह विवाद लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया में विश्वास के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है।
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