दिल्ली छत्तरपुर में पानी का संकट: रामलीला चौक के निवासी परेशान, विधायक करतार सिंह पर उठ रहे सवाल
छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र, जो दक्षिण दिल्ली का हिस्सा है, लंबे समय से पानी की किल्लत का सामना कर रहा है। रामलीला चौक और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग बताते हैं कि पानी की सप्लाई अनियमित और अपर्याप्त है।
📝We News 24 :डिजिटल डेस्क » प्रकाशित: 05 अगस्त 2025, 14:30 IST
रिपोर्टिंग सूत्र / वरिष्ठ पत्रकार , दीपक कुमार
नई दिल्ली :- जो देश की राजधानी होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं का दावा करती है, वहां छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र के रामलीला चौक के निवासी पिछले एक साल से पानी के संकट से जूझ रहे हैं। स्थानीय लोग अपनी इस मूलभूत समस्या के समाधान के लिए विधायक करतार सिंह तंवर के पास बार-बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का कोई स्थायी हल नहीं निकला। हाई-टेक विधानसभा और सौर ऊर्जा से संचालित सत्रों की बात करने वाली दिल्ली सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि जब जनता पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए तरस रही है, तो ऐसी प्रगति का क्या फायदा? यह लेख छत्तरपुर के पानी के संकट और स्थानीय लोगों की परेशानियों को उजागर करता है।
छत्तरपुर में पानी का संकट: एक साल से जारी त्रासदी
छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र, जो दक्षिण दिल्ली का हिस्सा है, लंबे समय से पानी की किल्लत का सामना कर रहा है। रामलीला चौक और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग बताते हैं कि पानी की सप्लाई अनियमित और अपर्याप्त है। एक स्थानीय निवासी, रमेश कुमार, ने बताया, "पिछले एक साल से हम पानी के लिए तरस रहे हैं। दिन में एक बार भी पानी आता है, तो वह गंदा होता है। टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो समय पर नहीं आते।"
स्थानीय लोग दावा करते हैं कि उन्होंने विधायक करतार सिंह तंवर से कई बार इस मुद्दे पर बात की, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिले। एक अन्य निवासी, संगीता देवी, ने कहा, "हमने विधायक जी के दफ्तर के कई चक्कर लगाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार हाई-टेक विधानसभा की बात करती है, लेकिन हमारी गलियों में पानी की पाइपलाइन तक ठीक नहीं है।"
दिल्ली में पानी का संकट: व्यापक समस्या
दिल्ली में पानी की किल्लत कोई नई बात नहीं है। 2024 में, दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने बताया कि शहर की पानी की मांग 1,380 मिलियन गैलन प्रति दिन (MGD) है, जबकि आपूर्ति केवल 900 MGD के आसपास ही हो पा रही है। यमुना नदी के जलस्तर में कमी और हरियाणा से पानी की कम आपूर्ति ने इस संकट को और गहरा दिया है। छत्तरपुर, मालवीय नगर, मेहरौली, और संगम विहार जैसे दक्षिण दिल्ली के इलाके विशेष रूप से प्रभावित हैं, जहां लोग टैंकरों और निजी जल आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हैं।
रामलीला चौक के पास की अनधिकृत फ़्लैट शहरी गांवों में स्थिति और भी गंभीर है। यहाँ पानी की पाइपलाइनें पुरानी हैं, और कई जगहों पर जलभराव और गंदे पानी की समस्या आम है। स्थानीय निवासी सूरज सिंह ने कहा, "हर गर्मी में पानी की समस्या बढ़ जाती है। टैंकरों के लिए लोग आपस में झगड़ते हैं। विधायक जी को तो बस वोट चाहिए, हमारी परेशानी से कोई मतलब नहीं।"
विधायक करतार सिंह पर क्यों उठ रहे सवाल?
छत्तरपुर से बीजेपी विधायक करतार सिंह तंवर पर स्थानीय लोग अपनी समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। निवासियों का कहना है कि तंवर ने र 2025 के विधानसभा चुनावों में पानी की समस्या को हल करने का वादा किया था, लेकिन जमीन पर कोई बदलाव नहीं दिखा। एक निवासी, अनिल मेहता, ने कहा, "हमने करतार जी को चुना क्योंकि हमें लगा कि करतार सिंह जनता की बात सुनती है। लेकिन अब तो लगता है कि नेताओं को सिर्फ कुर्सी से मतलब है।"
हालांकि, तंवर के समर्थकों का कहना है कि वह क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए प्रयासरत हैं। उनके एक करीबी सहयोगी ने दावा किया, "विधायक जी ने कई बार DJB अधिकारियों से बैठक की है और पाइपलाइन विस्तार के लिए फंड की मांग की है। यह एक जटिल समस्या है, जिसका समाधान समय लेगा।"
दिल्ली सरकार और DJB की भूमिका
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) पर पानी की आपूर्ति में सुधार न करने के लिए अक्सर सवाल उठते हैं। 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकारों को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया था, लेकिन इसका प्रभाव सीमित रहा। इसके अलावा, DJB और दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के बीच फंड को लेकर विवाद ने भी जल आपूर्ति परियोजनाओं को प्रभावित किया है।
2025 में दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्कूल फीस नियंत्रण बिल पेश किया, लेकिन पानी की समस्या पर कोई ठोस चर्चा नहीं हुई। यह स्थिति स्थानीय लोगों में निराशा का कारण बन रही है। एक सामाजिक कार्यकर्ता, रीता शर्मा, ने कहा, "हाई-टेक विधानसभा और सौर ऊर्जा की बातें अच्छी हैं, लेकिन जब लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, तो ऐसी उपलब्धियां बेमानी लगती हैं।"
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क्या हैं समाधान के रास्ते?
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली के पानी संकट को हल करने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक उपायों की जरूरत है। कुछ संभावित समाधान इस प्रकार हैं:
- 40 साल पुराने पाइपलाइन का बदलाव : छत्तरपुर जैसे क्षेत्रों में पुरानी और लीक होती पाइपलाइनों को ठीक करने की जरूरत है।
- अवैध कनेक्शन को काटना : अवैध फ़्लैट और घरो में एक से ज्यादा कनेक्शन को कटना
- टैंकर प्रबंधन में सुधार: टैंकरों की समयबद्ध और पारदर्शी आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- अंतरराज्यीय सहयोग: हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के साथ बेहतर समन्वय से यमुना में पानी की आपूर्ति बढ़ाई जाए।
निष्कर्ष: जनता की पुकार को कब सुनेगी सरकार?
छत्तरपुर के रामलीला चौक और आसपास के इलाकों में पानी का संकट न केवल एक स्थानीय समस्या है, बल्कि यह दिल्ली की व्यापक जल संकट की तस्वीर पेश करता है। विधायक करतार सिंह तंवर और दिल्ली सरकार से लोगों को ठोस समाधान की उम्मीद है। जब तक बुनियादी जरूरतें जैसे पानी उपलब्ध नहीं होंगी, हाई-टेक विधानसभा और अन्य प्रचारित उपलब्धियां जनता के लिए बेमानी रहेंगी। सरकार को चाहिए कि वह तत्काल कार्रवाई करे और छत्तरपुर जैसे क्षेत्रों में नियमित और स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करे।
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