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    पहलगाम आतंकी हमला: कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर गहरा संकट, गुलमर्ग-सोनमर्ग में सन्नाटा

    पहलगाम आतंकी हमला: कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर गहरा संकट, गुलमर्ग-सोनमर्ग में सन्नाटा


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    श्रीनगर, 5 मई 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने कश्मीर घाटी के पर्यटन उद्योग को गहरे संकट में डाल दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। हमले के बाद पर्यटकों में डर का माहौल है, जिसके चलते गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा है। होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली पड़े हैं, जिससे स्थानीय कारोबारियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।


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    पर्यटकों ने रद्द कीं 90% बुकिंग

    पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले के बाद पर्यटकों ने कश्मीर घाटी को तेजी से छोड़ना शुरू कर दिया। जम्मू-कश्मीर होटलियर्स क्लब के गुलमर्ग चैप्टर के अध्यक्ष आकिब चौधरी के अनुसार, गुलमर्ग में उपलब्ध लगभग 1,800 होटल कमरों में से ज्यादातर खाली हैं। सोनमर्ग और पहलगाम में भी होटल और होमस्टे में ऑक्यूपेंसी शून्य के करीब पहुंच गई है। हमले से पहले इन स्थानों पर 90-95% बुकिंग थी, लेकिन अब 90% से अधिक बुकिंग रद्द हो चुकी हैं।


    "होटल व्यवसायी मुख्तार अहमद: "मेरे होटल में एक भी कमरा बुक नहीं है। यह पीक टूरिस्ट सीजन हमारे लिए आपदा बन गया है।"



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    भारत-पाकिस्तान तनाव ने बढ़ाई मुश्किलें

    पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया। इस तनाव ने पर्यटकों में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दीं। अमेरिकी विदेश विभाग ने जम्मू-कश्मीर के लिए "डू नॉट ट्रैवल" एडवाइजरी जारी की, जिसके बाद अन्य देश भी ऐसी एडवाइजरी जारी कर सकते हैं। इससे पर्यटकों का विश्वास और कम हुआ है।


    गुलमर्ग और सोनमर्ग: भुतहा शहर जैसा माहौल

    गर्मियों में पर्यटकों से गुलजार रहने वाले गुलमर्ग और सोनमर्ग अब किसी भुतहा शहर जैसे दिख रहे हैं। गुलमर्ग की मशहूर गोंडोला, जो पर्यटकों को अफरवाट की चोटियों तक ले जाती थी, अब पूरी तरह सूनी है। सोनमर्ग में भी होटल मालिक निराश हैं। एक स्थानीय होटल संचालक ने बताया, "हमले से पहले सोनमर्ग में 90-95% ऑक्यूपेंसी थी, लेकिन अब कोई पर्यटक नहीं आ रहा।"



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    स्थानीय कारोबारियों पर आर्थिक संकट

    कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान 7-8% है, और यह लाखों परिवारों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। हमले के बाद होटल मालिकों, शिकारा वालों, टूर गाइडों, हस्तशिल्प कारीगरों, टट्टू वालों और कैब ऑपरेटरों को भारी नुकसान हुआ है। जम्मू-कश्मीर में करीब 5,500 छोटे-बड़े होटल हैं, जिनका सालाना कारोबार 6,900-9,200 करोड़ रुपये के बीच है। इस संकट से न केवल पर्यटन बल्कि रोजगार और निवेश पर भी असर पड़ा है।


    "होटल व्यवसायी सुहैल अहमद: "यह हमला पर्यटन पर निर्भर हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर सकता है।"




    कश्मीर पर्यटन को पुनर्जनन की जरूरत

    विशेषज्ञों का मानना है कि कश्मीर के पर्यटन उद्योग को पुनर्जनन के लिए सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और पर्यटकों के बीच विश्वास बहाल करना जरूरी है। सरकार ने हमले के बाद 87 में से 48 पर्यटन स्थलों को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया है। हालांकि, कुछ पर्यटक अब भी स्थानीय लोगों की मेहमाननवाजी और सुरक्षा बलों के आश्वासनों पर भरोसा जताते हुए गुलमर्ग जैसे स्थानों पर लौट रहे हैं।


    "स्थानीय ड्राइवर मोहम्मद इस्माइल ने कहा, "हम पर्यटकों से कश्मीर से दूरी न बनाने की अपील करते हैं।" वहीं, बॉलीवुड अभिनेता अतुल कुलकर्णी ने भी लोगों से कश्मीर घूमने की अपील की है।"


    आगे की राह

    पहलगाम आतंकी हमले ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरी चोट पहुंचाई है, लेकिन स्थानीय लोग और सरकार इसे पुनर्जनन के लिए प्रयासरत हैं। सुरक्षा बलों ने जांच तेज कर दी है, और एनआईए ने हमले के मास्टरमाइंड की तलाश शुरू कर दी है। कश्मीर को फिर से पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए सरकार, स्थानीय समुदाय और पर्यटन व्यवसायियों को मिलकर काम करना होगा।


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