बिहटा: नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में स्टूडेंट्स इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन
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खबर का सार : बिहटा के नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवप्रवेशित छात्रों के लिए आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को संस्थान की शैक्षणिक संरचना और संसाधनों से परिचित कराना था। उपमुख्यमंत्री ने शिक्षा को मानव विकास की धुरी बताया, जबकि निदेशक कृष्ण मुरारी सिंह ने नवाचार और उत्कृष्टता पर जोर दिया। तकनीकी शिक्षा को आत्मनिर्भरता और रोजगार का आधार बताते हुए, यह प्रोग्राम छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक शुरुआत रहा।
प्रकाशित: 06 अगस्त 2025, 06:50 IST
विस्तार
बिहटा, 08 अगस्त 2025 - बिहटा के अमहरा स्थित नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NSIT) में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए स्टूडेंट्स इंडक्शन प्रोग्राम का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नए छात्रों को संस्थान की विभागीय संरचना, पाठ्यक्रम, और शैक्षिक गतिविधियों से परिचित कराना था, ताकि वे अपनी शैक्षणिक यात्रा को आत्मविश्वास के साथ शुरू कर सकें।
दीप प्रज्वलन के साथ सत्र का शुभारंभ
नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज के निदेशक कृष्ण मुरारी सिंह, प्राचार्य डॉ. अशोक शरण, संस्थापक टी.एन. सिंह, और रजिस्ट्रार पवन सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने छात्रों को प्रेरित करने और उनकी शैक्षणिक यात्रा को दिशा देने के लिए अपने विचार सांकें।
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उपमुख्यमंत्री का प्रेरणादायक संबोधन
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में शिक्षा को मानव विकास की धुरी बताते हुए कहा, "शिक्षा केवल ज्ञान का ढेर नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का माध्यम है। बिना मूल्यों के शिक्षा अधूरी है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार का मंत्र ‘सबको शिक्षा’ है, और इसके तहत हर बच्चे तक शिक्षा का प्रकाश पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार न केवल पढ़ाई पर ध्यान दे रही है, बल्कि प्रतिभावान विद्यार्थियों को नई तकनीक और आधुनिक शिक्षा पद्धति से जोड़कर उनके उज्जवल भविष्य की नींव रख रही है।
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नवाचार और उत्कृष्टता पर जोर
नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज के निदेशक कृष्ण मुरारी सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए नवाचार और उत्कृष्टता की भावना को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "यह इंडक्शन प्रोग्राम छात्रों को कॉलेज की संस्कृति से जोड़ने और उन्हें मानसिक रूप से तैयार करने का एक अनूठा अवसर है।" उन्होंने संस्थान की शैक्षणिक नीतियों, मूल्यों, और उपलब्ध संसाधनों की विस्तृत जानकारी दी, साथ ही छात्रों को नेतृत्व क्षमता, टीम वर्क, और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
तकनीकी शिक्षा और आत्मनिर्भरता
संस्थापक टी.एन. सिंह, प्राचार्य डॉ. अशोक शरण, और रजिस्ट्रार पवन सिंह ने संयुक्त रूप से तकनीकी शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "बेरोजगारी को खत्म करने के लिए युवाओं को हुनरमंद बनाना जरूरी है। तकनीकी शिक्षा का विस्तार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।" उन्होंने नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत समानता, न्याय, और बंधुत्व को बढ़ावा देने वाली शिक्षा को आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण बताया।
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इंडक्शन प्रोग्राम का महत्व
यह इंडक्शन प्रोग्राम नए छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें संस्थान की शैक्षणिक और सांस्कृतिक परंपराओं से परिचित कराता है। कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों के माध्यम से छात्रों को पाठ्यक्रम, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, और अन्य संसाधनों की जानकारी दी गई। साथ ही, उन्हें नेतृत्व, समय प्रबंधन, और तकनीकी कौशल विकास पर केंद्रित कार्यशालाओं में भाग लेने का अवसर मिला।
नई शिक्षा नीति और भविष्य की दिशा
नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी नई शिक्षा नीति के तहत समग्र और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। संस्थान का लक्ष्य छात्रों को न केवल तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना भी है। इस इंडक्शन प्रोग्राम के माध्यम से छात्रों को एक ऐसी नींव प्रदान की गई, जो उन्हें भविष्य में आत्मनिर्भर और सफल बनाने में मदद करेगी।
हमारी राय: यह इंडक्शन प्रोग्राम न केवल नए छात्रों के लिए एक स्वागत योग्य पहल है, बल्कि यह तकनीकी शिक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई शिक्षा नीति के तहत इस तरह के आयोजन युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का यह प्रयास निश्चित रूप से बिहार के शैक्षिक परिदृश्य को मजबूत करेगा।
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