ट्रंप का भारत पर 50% टैरिफ का झटका: रूस से तेल खरीद पर सजा, क्या होगा असर?
प्रकाशित: 06 अगस्त 2025, 14:50 IST
वॉशिंगटन, - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे भारत पर कुल टैरिफ अब 50% हो गया है। ट्रंप ने इस संबंध में एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं, जो भारत के रूस से तेल खरीद को यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने वाला करार देता है। इससे पहले 30 जुलाई को ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ की घोषणा की थी। इस नए फैसले से भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर गंभीर असर पड़ सकता है, खासकर तब जब भारत का अमेरिका के साथ 186 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है, जिसमें भारत को 44.4 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष है।
AI समरी: खबर का सार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी किया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। यह कदम भारत के रूस से तेल आयात को यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने वाला मानते हुए उठाया गया है। नया टैरिफ 21 अगस्त 2025 से लागू होगा। ट्रंप ने अन्य देशों पर भी रूसी तेल खरीद के लिए दंडात्मक शुल्क की धमकी दी है। भारत ने जवाब में कहा कि उसका रूस से तेल आयात वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए जरूरी है।
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ट्रंप के एग्जिक्यूटिव ऑर्डर में क्या है?
ट्रंप ने 8 मार्च 2022 के एग्जिक्यूटिव ऑर्डर 14066 का हवाला देते हुए कहा कि रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद रूस से कच्चा तेल, पेट्रोलियम, और संबंधित उत्पादों के आयात पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया था। नए ऑर्डर में ट्रंप ने घोषणा की कि भारत सरकार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस से तेल आयात कर रही है, जिसके चलते अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। यह टैरिफ 21 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा, जो 30 जुलाई को घोषित 25% टैरिफ के अतिरिक्त है।
ट्रंप ने अपने वाणिज्य मंत्री को निर्देश दिया है कि वे उन देशों की जांच करें जो रूस से तेल खरीद रहे हैं और उन पर भी दंडात्मक शुल्क लगाने की तैयारी करें। ट्रंप ने कहा, “भारत हमारा दोस्त है, लेकिन उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं, और वे रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदकर यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं।”
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भारत की स्थिति और जवाब
भारत ने ट्रंप के आरोपों को अनुचित और अतार्किक करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पारंपरिक तेल आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी, जिसके बाद भारत ने रूस से तेल आयात शुरू किया। यह फैसला वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए लिया गया, जिसमें अमेरिका ने भी सहमति दी थी।” भारत ने यह भी बताया कि यूरोपीय संघ (EU) का रूस के साथ 2024 में 67.5 बिलियन यूरो का व्यापार था, और अमेरिका भी रूस से यूरेनियम, पैलेडियम, और उर्वरक आयात करता है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रूस से तेल आयात न करने पर वैश्विक तेल की कीमतें 130-140 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती थीं, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता। भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात करता है, ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर 13 बिलियन डॉलर की बचत की है।
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आर्थिक और सामरिक प्रभाव
भारत के अमेरिका को निर्यात में 64 बिलियन डॉलर मूल्य की वस्तुएं प्रभावित हो सकती हैं, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, स्मार्टफोन, और जेम्स-जूलरी जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि, पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक्स, और दवाओं को फिलहाल टैरिफ से छूट दी गई है। भारतीय शेयर बाजार पर भी असर दिखा, जहां BSE सेंसेक्स 0.38% और रुपया 0.17% गिर गया।
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फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के निदेशक अजय सहाय ने कहा, “ये टैरिफ भारत को वियतनाम, बांग्लादेश, और चीन जैसे देशों के मुकाबले अमेरिकी बाजार में नुकसान पहुंचा सकते हैं।” उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अपनी घरेलू खपत बढ़ाकर और नए निर्यात बाजार तलाशकर इस नुकसान की भरपाई कर सकता है।
हमारी राय
ट्रंप का यह फैसला भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक झटका है, खासकर तब जब दोनों देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। भारत का रूस से तेल आयात वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर करने और अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका और EU द्वारा रूस के साथ अपने व्यापार को नजरअंदाज करते हुए भारत को निशाना बनाना दोहरा मापदंड दर्शाता है। भारत को अब सावधानीपूर्वक कूटनीति और वैकल्पिक बाजारों की तलाश करनी होगी ताकि आर्थिक नुकसान को कम किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट की तरह ही, हमें भी पारदर्शिता और निष्पक्षता की जरूरत है, चाहे वह मतदाता सूची हो या अंतरराष्ट्रीय व्यापार।
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पब्लिक की राय
X पर लोगों ने इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ यूजर्स ने इसे लोकतंत्र और व्यापार पर हमला करार दिया, जबकि अन्य ने भारत की रूस के साथ नीति को सही ठहराया। एक यूजर ने लिखा, “ट्रंप भारत को दंडित कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका और EU भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। यह पाखंड है।” एक अन्य यूजर ने कहा, “भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भरता कम करनी चाहिए और अमेरिका के साथ व्यापार समझौता जल्द करना चाहिए।”
संपर्क जानकारी:
भारत व्यापार मंत्रालय
ईमेल: commerce@nic.in
वेबसाइट: www.commerce.gov.in
हेल्पलाइन: 1800-111-955
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