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    दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, उत्तर भारत में बाढ़ का खतरा बढ़ा

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, उत्तर भारत में बाढ़ का खतरा बढ़ा


    प्रकाशित: 03 अगस्त 2025, 17:18 IST  

    📝 We News 24

    » रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी 

    नई दिल्ली :- पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखाई देने लगा है। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और रविवार को यह 204.14 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 204.5 मीटर से बस थोड़ा ही नीचे है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले एक-दो दिनों में यह खतरे के निशान को पार कर सकता है। उत्तराखंड और हरियाणा के ऊपरी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण यमुना में पानी की आवक बढ़ गई है, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।



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    दिल्ली में यमुना पर नजर, प्रशासन अलर्ट

    दिल्ली में यमुना का जलस्तर भले ही अभी खतरे के निशान से थोड़ा नीचे हो, लेकिन स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी नदी के जलस्तर पर लगातार नजर रखे हुए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले 24 से 48 घंटों में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को छू सकता है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश के कारण यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। 

    पिछले साल जुलाई 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिसके चलते दिल्ली के निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, राजघाट और सिविल लाइंस में भयंकर बाढ़ आई थी। उस दौरान हजारों लोग प्रभावित हुए थे, और इस बार भी प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और किनारों के पास न जाने की सलाह दी है। 


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    उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने मचाई तबाही

    यमुना के साथ-साथ गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने भी उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। प्रयागराज के नैनी में शनिवार शाम को यमुना का जलस्तर 85.06 मीटर और फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.96 मीटर दर्ज किया गया। इन नदियों का पानी निचले रिहायशी इलाकों में घुस गया है, जिससे 15,000 से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी भर गया। 

    प्रयागराज में बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। प्रशासन प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत सामग्री उपलब्ध कराने में जुटा है। वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाटों पर पानी चढ़ गया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 



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    लोगों से सतर्कता बरतने की अपील

    प्रशासन ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के नदी किनारे बसे लोगों से सतर्क रहने और बेवजह नदी के पास न जाने की अपील की है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए राहत और बचाव के लिए टीमें तैनात की गई हैं। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। 

    क्या करें, क्या न करें


    • नदी किनारे न जाएं: बाढ़ के खतरे को देखते हुए यमुना और गंगा के किनारों से दूर रहें।
    • सुरक्षित स्थान पर रहें: निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रशासन की सलाह मानें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं।
    • आपातकालीन नंबरों पर संपर्क करें: किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन या राहत टीमों से संपर्क करें।


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    उत्तर भारत में भारी बारिश और बढ़ते नदी जलस्तर ने एक बार फिर बाढ़ का खतरा पैदा कर दिया है। दिल्ली में यमुना और उत्तर प्रदेश में गंगा व यमुना के बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है। यह समय सावधानी और एकजुटता का है, ताकि इस प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। 

    आपकी राय: क्या आपको लगता है कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन पर्याप्त कदम उठा रहा है? अपने विचार कमेंट में साझा करें। 

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